सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के एक्सपोर्ट पर प्रतिबंध आंशिक रूप से हटा दिया है। न्यूज एजेंसी आईएएनएस ने सूत्रों के हवाले से बताया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के दूसरे देशों से आए ऑर्डर को सरकार मानवता के आधार पर जल्द मंजूरी दे देगी। हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन और पैरासिटामॉल के एक्सपोर्ट पर बैन नहीं रहेगा लेकिन, घरेलू जरूरतें पूरी होने के बाद स्टॉक की उपलब्धता के आधार पर एक्सपोर्ट किया जाएगा। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से हाइड्रोक्सीक्लोरोक्विन के एक्सपोर्ट से रोक हटाने की अपील की थी। वैज्ञानिकों ने हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्विन को कोरोना से लड़ने में मददगार बताया है। ट्रम्प ने धमकी भी दी थी कि भारत ने बैन नहीं हटाया तो कार्रवाई की जाएगी।
24 एपीआई के एक्सपोर्ट से भी रोक हटी
सरकार ने 24 फार्मा इंग्रीडिएंट (एपीआई) के निर्यात पर लगी रोक भी हटा दी है। कोरोनावायरस का संक्रमण बढ़ने की स्थिति में देश में दवाओं की कमी नहीं हो इस मकसद से सरकार ने 6 मार्च को एपीआई के एक्सपोर्ट पर बैन लगाया था। इनमें टिनिडेजॉल, मेट्रोनिडेजॉल, एसीक्लोविर, विटामिन बी1, बी6, बी12, प्रोजेस्टेरोन, क्लोरेम्पेनिकॉल, ऑर्निडेजॉल और विटामिन बी1 के फॉर्मूलेशन भी शामिल थे।
अमेरिका में 10 हजार से ज्यादा मौतें
इटली और स्पेन के बाद अमेरिका में मौतों का आंकड़ा 10 हजार से ज्यादा हो गया है। सबसे ज्यादा प्रभावित न्यूयॉर्क स्टेट में पांच हजार मौतें हुई हैं। इनमें आधा से ज्यादा केवल न्यूयॉर्क सिटी में है। वहीं, राज्य में एक लाख 20 हजार से ज्यादा संक्रमित हैं और 16 हजार से ज्यादा लोगों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। वहीं, अमेरिका ने एशियाई देश में फंसे अपने 29 हजार नागरिकों को 13 विशेष विमानों से अपने देश बुला लिया है। ये नागरिक साउथ एंड सेंट्रल एशियाई देश भारत, पाकिस्तान, बांग्लादेश, नेपाल, उज्बेकिस्तान और तुर्कमेनिस्तान में फंसे हुए थे। यह जानकारी दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों की अमेरिका की सीनियर डिप्लोमेट एलिस वेल्स ने प्रेस वार्ता में दी। अकेले भारत में ही 1300 अमेरिकी नागरिक थे।