31 मार्च से एसबीआई में लॉकर लेना हो जाएगा महंगा, चुकाना होगा 33 फीसदी तक ज्यादा शुल्क

 भारत के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) ने सेफ डिपॉजिट लॉकर की रेट 33 प्रतिशत तक बढ़ाने का फैसला किया है। नए चार्ज 31 मार्च से लागू हो जाएंगे। छोटे और मीडियम साइज के लॉकर्स के लिए 500 रुपए प्लस जीएसटी का एक बार लॉकर पंजीकरण शुल्क भी लगगा, जबकि लार्ज और एक्स्ट्रा लार्ज लॉकर्स के लिए आपको 1000 रु. प्लस जीएसटी का भुगतान करना होगा। फिलहाल लॉकर के लिए शहरी या ग्रामीण क्षेत्र के आधार पर 1500 से 9000 रुपए तक चुकाने होते हैं।



कितनी देना होगा चार्ज
छोटे लॉकर के किराए में 500 से लेकर 2000 रुपए तक की बढ़ोतरी हो सकती है जबकि एक्स्ट्रा लार्ज लॉकर किराया 9,000 के बजाय अब 12,000 रुपए देने होंगे। मीडियम साइज लॉकर के लिए अब 1000 से 4000 रुपए तक ज्यादा शुल्क चुकाना होगा। बड़े लॉकर (लार्ज) का किराया 2,000 से 8,000 तक होगा। एसबीआई की शाखाएं सेमी अर्बन और ग्रामीण क्षेत्रों में सस्ती लॉकर सेवाएं प्रदान करती हैं।



समय पर किराया न देने पर हो सकता है जुर्माना
समय पर लॉकर का किराया नहीं भरने पर 40 फीसदी तक जुर्माना हो सकता है। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के नियमों के अनुसार यदि आपने इसे 1 साल में कम से कम एक बार नहीं खोला तो बैंकों को आपके लॉकर को खोलने की अनुमति है। हालांकि ऐसा करने से पहले बैंक आपको एक नोटिस भेजता है।


लॉकर का भी करा सकते हैं बीमा
बैंक लॉकर में रखे आपके सामान की सुरक्षा तो करती है पर चोरी या डकैती होने पर मुआवजा नहीं देती। इसके अलावा भूकंप या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा, आतंकी हमला या चोरी आदि होने पर मुआवजा मिलेगा, इसकी गांरटी नहीं होती। ऐसी घटनाओं से आपको बड़ा नुकसान उठाना होता है। लेकिन इस तरह के नुकसान से लॉकर का भी बीमा करा कर बचा जा सकता है। यह ऑफर 'बैंक लॉकर प्रोटेक्टर पॉलिसी' के रूप में की जाती है। बैंक लॉकर में रखे आपके सामान की सुरक्षा तो करती है पर चोरी या डकैती होने पर मुआवजा नहीं देती। इसके अलावा भूकंप या बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदा, आतंकी हमला या चोरी आदि होने पर मुआवजा मिलेगा, इसकी गांरटी नहीं होती। हालांकि अगर बैंक की लापरवाही के चलते कस्टमर का नुकसान हुआ है तो मुआवजे का प्रावधान रहता है।